लोग कहते हैं की वो आदमी है
लोगो का क्या है लोग तो कहेंगे
पर करतूत उसकी ऐसी है की
लगता है वो कोई और सा
नज़रों में नफ़रत, दिल में दाग
दिमाग में धोखा, फिर नफ़रत की आग
क्या वो कोई आदमी हो सकता है
जो औरों को दे डग्गा, कदापि नहीं
जो दूसरों की हर कमाई को अपना समझे
जो दूसरों को कलि निगाह से देखे
कहते है वो की ये प्यार है
पर क्या और लोग बच्चे है
जो हकीकत से अंजन है
आज का हर आदमी क्यों इतना संगदिल सा है
सायद वो खुद से भी परेसान सा है
क्यों की उसके दिल में एक चोर चुप्पा है
वो अन्दर ही अन्दर डरा डरा सा है
कहाँ गई उसकी सच्चाई, वो प्रेम की भासा
जो देती थी उसे हर वक्त दिल्लाषा
खोजो उसे इस पत्थर के दिल, दिमाग और मोहाल्लोँ में
सायद कांहीं किन्शी ने उसे जड़ दिया हो
सीमेंट और झाड़ों के किशी घरोंदे में
लोगो का क्या है लोग तो कहेंगे
पर करतूत उसकी ऐसी है की
लगता है वो कोई और सा
नज़रों में नफ़रत, दिल में दाग
दिमाग में धोखा, फिर नफ़रत की आग
क्या वो कोई आदमी हो सकता है
जो औरों को दे डग्गा, कदापि नहीं
जो दूसरों की हर कमाई को अपना समझे
जो दूसरों को कलि निगाह से देखे
कहते है वो की ये प्यार है
पर क्या और लोग बच्चे है
जो हकीकत से अंजन है
आज का हर आदमी क्यों इतना संगदिल सा है
सायद वो खुद से भी परेसान सा है
क्यों की उसके दिल में एक चोर चुप्पा है
वो अन्दर ही अन्दर डरा डरा सा है
कहाँ गई उसकी सच्चाई, वो प्रेम की भासा
जो देती थी उसे हर वक्त दिल्लाषा
खोजो उसे इस पत्थर के दिल, दिमाग और मोहाल्लोँ में
सायद कांहीं किन्शी ने उसे जड़ दिया हो
सीमेंट और झाड़ों के किशी घरोंदे में
No comments:
Post a Comment